सर्द हवाओं के बीच कैसे रखें अपने बुजुर्गों का ख्याल, जानिए इम्पोर्टेन्ट टिप्स
सर्दियों में कैसे रखें अपने बुज़ुर्गों का ध्यान:-
आज हम बात करेंगें सर्दियों में बुज़ुर्गों का ध्यान रखने के बारे में। क्या आपके घर भी बुज़ुर्ग व्यक्ति हैं? तो जाने की उनकी care करते समय हमे क्या क्या गलतियां नही करनी चाहिए। सर्दी के मौसम में बुज़ुर्गों को कुछ ख़ास सावधानियां बरतने की ज़रुरत होती है। बुज़ुर्गों की Immunity इतनी strong नही होती के वो इतनी ठंड झेल सकें, जिस के करें उन्हें ख़ास care की ज़रुरत होती है। इस मौसम में ह्रदय रोग, हाइपो थेरमिया,फ्लू और दमा के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में बुज़ुर्ग व्यक्ति हैं, तो जाने की उनकी care कैसे करें।
(1.) ह्रदय रोग(Heart Attack) :
वैसे तो ये रोग कभी भी किसी को भी हो सकता है, पर सर्दियों में खास कर बुज़ुर्गों को लापरवाही बिलकुल नही बरतनी चाहिए।
* लक्षण (Symptoms) दोनों हाथों, कमर, गर्दन, जबड़े या पेट में बेचैनी महसूस होना या सांस फूलने और सूजन होना, लेट ने पर खाँसी आना और सीने में दर्द होना।
* सावधानियां
बरतना : ऐसे लक्षण
दिखने पर शीघ्र
ही डॉक्टर की
सलाह लें। ह्रदय
और गुर्दे के
रोगी तरल पदार्ध
की मात्रा डॉक्टर
की सलाह से
ही लें। खान
पान में सावधानी
बरतें, तली चीज़ों
का परहेज़ करें।
ह्रदय
रोगों के लिए
नियमित जाँच करवाएँ।
सांस फूलने, हाथ या
सीने में दर्द
होने पर तुरंत
डॉक्टर को दिखाएँ।
(2.) हाइपोथर्मिया (Hypothermia ) :-
इस मौसम में बुज़ुर्गों को Hypothermia होने का खतरा भी रहता है। इसका मतलब बॉडी का तापमान कम हो जाना। लापरवाही हो जाने पर समस्या जान लेवा हो सकती है।
* लक्षण- शरीर का ठंडा पड़ जाना, बेसुध होना, ह्रदय गति का धीमा पढ़ना।
* सावधानियां-
बहार जाने से
पहले ऊनि कपडे
पहने। एक या
दो मोटे कपडे
पहनने के वजाय
कई लेयर वाले
पतले कपडे पहने।
बीमार या बुज़ुर्ग
ज़्यादा ठंड में
बहार जाने से
बचें। गर्म पदार्थ
का सेवन अधिक
मात्रा में करें।
(3.) दमा (Asthma) :-
सर्दियों के दिनों में बुज़ुर्गों में सांस की समस्याएं कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती हैं। तापमान में गिरावट, कोहरा, प्रदुषण या viral infection के कारण सांस की समस्या ज़्यादा होती है।
* लक्षण- सांस फूलने के साथ सायं सायं की आवाज़ आना, पिला सफ़ेद cough आना, खांसी का बढ़ना, रात को नींद न आना, सुस्ती आना।
* सावधानियां-
जितना हो सके
गर्म कपडे पहने, कान ढक्कर
रखें। खाने में
हल्दी, अदरक, तुलसी, काली
मिर्च और केसर
आदि लें।
(4.) फ्लू (Flu) :-
फ्लू एक प्रकार के viral होने वाली बीमारी है। बुज़ुर्गों की Immunity कमज़ोर होने के कारण बुज़ुर्ग इससे जल्दी प्रभावित होते हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में लापरवाही न बरतें।
* लक्षण- तेज़ बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, गले में दर्द, खाँसी आना और सांस लेने में समस्या होना।
* सावधानियां-
फ्लू के रोगी
खांसते या छींकते
समय मुँह पर
हाथ रखें या
रुमाल का इस्तेमाल
ज़रूर करें। फ्लू
के रोगियों द्वारा
इस्तेमाल की गई
वस्तुएं जैसे रुमाल
व चद्दर को
संरक्षित विधि से
साफ़ करें। मौसम
में बदलाव से
पहले हर साल
फ्लू का टीका
लगवाएं। तरल पदार्थ
लेते रहें।
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